फुटबॉल को खूबसूरत खेल बनाने वाले लेजेंड पेले नहीं रहे



मुंबई, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। गैसोलिना, द ब्लैक पर्ल और ओ री (द किंग) जैसे विभिन्न नामों से पुकारा जाने वाला उपनाम पेले एडसन अरांतेस डो नैसिमेंटो के लिए उनसे गोंद की तरह चिपक गया। दुनिया ने अब तक के सबसे महान फुटबॉलर को पेले नाम से ही जाना।

इसी नाम के साथ उन्होंने दुनिया को सबसे प्यारे और चहेते स्पोर्ट्स स्टार के रूप में छोड़ दिया।

82 वर्षीय पेले का ब्राजील के साओ पाउलो में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह कैंसर से संबंधित जटिलताओं से जूझ रहे थे और लगभग एक महीने भर्ती रहने के बाद अंतिम सांस ली।

सितंबर 2021 में उनकी बड़ी आंत में बने ट्यूमर को ऑपरेशन कर हटा दिया गया था। न तो उनके परिवार और न ही डॉक्टरों ने समझा कि यह अन्य अंगों में भी फैल गया है। उनका इस समय किडनी और कार्डियक डिसफंक्शन से संबंधित इलाज चल रहा था।

फुटबॉल की विश्व शासी निकाय फीफा द्वारा महानतम का लेबल, 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा एथलीट ऑफ द सेंचुरी का नाम दिया गया और टाइम मैगजीन की 20वीं सदी के 100 सबसे महत्वपूर्ण लोगों की सूची में शामिल पेले को 2000 में विश्व खिलाड़ी का वोट दिया गया था। वह इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फुटबॉल हिस्ट्री एंड स्टैटिस्टिक्स द्वारा सेंचुरी और फीफा प्लेयर ऑफ द सेंचुरी अवार्ड के दो संयुक्त विजेताओं में से एक थे

लेकिन दुनिया भर में खेल के लाखों प्रशंसकों के लिए पेले पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने फुटबॉल जोगो बोनिटो को सुंदर खेल बनाया।

वह विश्व फुटबॉल के मूल नंबर 10 थे, एक नंबर जो अब लियोनेल मेसी और काइलियन एम्बाप द्वारा खेला जाता है। वह प्रतिभा के साथ खेल खेलने वाले प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे और इतने अजेय थे कि कई डिफेंडरों के सामने उन्हें फाउल करना ही एकमात्र विकल्प था।

उदात्त कौशल के खिलाड़ी, मैदान में महान उपस्थिति, बेदाग स्थिति की समझ, जादुई ड्रिब्लिंग कौशल, दो शानदार पैर और एक विनाशकारी शक्तिशाली शॉट, दाएं पैर से खेलने वाले पेले एकमात्र ऐसे फुटबॉलर थे, जिन्होंने तीन बार – 1958, 1962 और 1970 में विश्व कप जीता।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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