कॉमनवेल्थ गेम्स से लौट रहे झारखंड के सभी आठ खिलाड़ियों के गले में है मेडल
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रांची, 8 अगस्त (आईएएनएस)। कॉमनवेल्थ गेम 2022 में झारखंड के हिस्से में भी एक शानदार रिकॉर्ड आया है। इस गेम्स में भाग लेने गये भारतीय दल में झारखंड के आठ खिलाड़ी हैं और ये सभी किसी न किसी मेडल के साथ अपनी धरती पर लौट रहे हैं। किसी के गले में गोल्ड तो किसी के गले में सिल्वर और ब्रांज मेडल होगा। झारखंड में इन खिलाड़ियों के लौटने का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। यहां उनके स्वागत की जोरदार तैयारियां शुरू हो गयी हैं।
इस बार कॉमनवेल्थ में भारत की ओर से भाग लेनेवाली लॉन बॉल की महिला और पुरुष टीमों में कुल 10 खिलाड़ी हैं और इनमें से पांच अकेले झारखंड से हैं। इनमें रूपा रानी तिर्की, लवली चौबे, सुनील बहादुर, चंदन कुमार सिंह और दिनेश कुमार शामिल हैं। लॉन बॉल की महिला टीम के हिस्से गोल्ड आया है तो पुरुष टीम ने सिल्वर जीता है। लवली चौबे और रूपा रानी पूर्व में भी कॉमनवेल्थ में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी थीं, पर दोनों पहली बार विमेंस-4 की ओर से खेलते हुए गोल्ड की हकदार बनीं। इससे पहले लॉनबॉल में एक भी पदक देश को नहीं मिला था।
इसी तरह मेंस-4 में भारतीय टीम में शामिल झारखंड के तीन खिलाड़ियों सुनील बहादुर, चंदन कुमार सिंह और दिनेश कुमार को सिल्वर मेडल पहनने का गौरव हासिल हुआ। कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में भारतीय मेन्स टीम के लिए भी यह पहला मेडल है।
महिला हॉकी टीम में झारखंड की तीन खिलाड़ी थीं- सलीमा टेटे, निक्की प्रधान और संगीता कुमारी। इनमें से सलीमा टेटे और निक्की टोक्यो ओलंपिक में भाग लेनेवाली भारतीय टीम में भी शामिल थीं। इस बार महिला हॉकी टीम में न्यूजीलैंड को हराकर ब्रॉन्ज जीता। इसमें भारत की ओर से पहला गोल झारखंड की सलीमा टेटे ने ही किया था। इस पूरी प्रतियोगिता में उन्होंने तीन गोल किये, जबकि संगीता कुमारी ने एक गोल किया। टीम की डिफेंडर के तौर पर निक्की प्रधान का प्रदर्शन भी शानदार रहा।
सलीमा टेटे आईएएनएस से कहती हैं कि सेमीफाइनल मुकाबले में अगर रेफरी ने गलत फैसला न दिया होता तो बहुत मुमकिन है कि आज हमारे पदक का रंग गोल्डेन होता। फिर भी हमें खुशी है कि हम मेडल के साथ लौट रहे हैं। हम जल्दी से जल्दी अपने घर पहुंचना चाहते हैं।
–आईएएनएस
एसएनसी/एएनएम