उत्तर प्रदेश में मिला Bird Flu का सबसे खतरनाक वायरस, कानपुर चिड़ियाघर अगले आदेश तक बंद
कानपुर: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू (Bird Flu) का खौफ बढ़ता जा रहा है. बर्ड फ्लू से निपटने के लिए केंद्र के अलावा राज्य सरकारें भी एक्टिव मोड में आ गई हैं. इस बीच बर्ड फ्लू का मामला उत्तर प्रदेश भी पहुंच गया और कानपुर के जू (Kanpur Zoo) में मरे जंगली मुर्गों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है.
मिला बर्ड फ्लू का सबसे खतरनाक वायरस
कानपुर (Kanpur) चिड़ियाघर में दो दिन में चार मुर्गों और दो तोतों की मौत हुई थी, जिसके बाद नमूनों को जांच के लिए भोपाल रिसर्च सेंटर भेजा गया था, जहां एच-5 स्ट्रेन यानी बर्ड फ्लू (Bird Flu) का सबसे खतरनाक वायरस होने की पुष्टि हुई है. इसके बाद कानपुर प्रशासन ने जू को अगले आदेश तक बंद करा दिया है.
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दिल्ली में जिंदा पक्षियों के आयात पर रोक
बर्ड फ्लू (Bird Flu) के खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सख्त कदम उठाया है और पूर्वी दिल्ली स्थित गाजीपुर मुर्गा मंडी को 10 दिन के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया है. इसके अलावा सरकार ने जिंदा पक्षियों के आयात पर भी रोक लगा दी है. दिल्ली में अब तक बर्ड फ्लू का कोई भी कंफर्म केस सामने नहीं आया है, लेकिन अब तक 104 से अधिक सैंपल को जांच के लिए जालंधर की लैब में भेजे गए हैं.
बर्ड फ्लू की चपेट में आए 8 राज्य
बता दें कि केरल से शुरू हुआ बर्ड फ्लू (Bird Flu) अब तक 7 राज्यों को अपनी चपेट में ले चुका है. बर्ड फ्लू केरल के अलावा गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पहुंच चुका है. इन राज्यों में बड़ी संख्या में कौओं के अलावा अन्य पक्षी मर चुके हैं. इसके बाद खतरे को देखते हुए अन्य राज्यों के पशु एवं पक्षी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है.
राजस्थान के 11 जिलों में बर्ड फ्लू का प्रकोप
बर्ड फ्लू (Bird Flu) का सबसे ज्यादा प्रकोप राजस्थान में सामने आया है और अब तक राज्य के 11 जिले इसकी चपेट में आ चुके हैं. इनमें हनुमानगढ़, जैसलमेर, पाली, बांसवाड़ा, दौसा और सवाई माधोपुर भी शामिल हैं. राजस्थान के 33 जिलों में से 30 जिलों में अब तक कौवों सहित कई अन्य पक्षियों के मौत के पुष्टि हुई है, हालांकि अभी सभी जिलों से बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है.
केंद्र सरकार ने बनाया कंट्रोल रूम
बर्ड फ्लू (Bird Flu) के खतरे पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार ने कंट्रोल रूम बनाया है और केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कुछ टीमें कई राज्यों के प्रभावित इलाकों में भेजे गए हैं, जो निगरानी रख रहे हैं.