कीवी की खेती से लाखों रुपये कमाने का मौका! सरकार ने उठाएं कई बड़े कदम


नई दिल्ली. विदेशी फल कीवी (Kiwi) की देश में अच्छी डिमांड है. लेकिन खुशखबरी यह है कि नागालैंड (Nagaland) कीवी की बागवानी कर रहा है. और उससे भी ज़्यादा खुशी की बात यह है कि कीवी का उत्पादन बढ़ रहा है. इसी को देखते हुए केन्द्र सरकार ने नागालैंड को कीवी स्टेट का दर्जा दिलाने में मदद शुरु कर दी है. कीवी का उत्पादन और ज़्यादा हो, साथ में कीवी को बड़ा बाज़ार भी मिले, इसके लिए पहल शुरु कर दी है. हालांकि नॉर्थ-ईस्ट (North-East) के दूसरे राज्य भी कीवी का उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन नागालैंड के मुकाबले में वो बहुत पीछे हैं. कारोबारी बताते हैं कि एक हैक्टेयर बगीचे से 24 लाख के आमदनी ली जा सकती है. सेब के एक हैक्टेयर में बगीचा लगाने से मात्र 8.9 लाख कमाए जा सकते हैं, जबकि सब्जी उत्पादन जिनमें मुख्यत टमाटर से मात्र 2 से 2.5 लाख तक की ही आमदनी की जा सकती है. कीवी को चाइनीज़ गूज़बैरी के नाम से भी जाना जाता है. यद्यपि इस फल का मूल स्थान चीन है, लेकिन व्यावसायिक दृष्टि से इसका उपयोग न्यूजीलैंड ने किया. हिमाचल प्रदेश में वर्ष 1990 के दशक में कुल्लू, मंडी, सोलन, चंबा सिरमौर जिलों में काफी बगीचे लगाए गए, लेकिन तकनीकी जानकारी के अभाव में कीवी फल की बागवानी उतनी लाभकारी सिद्ध नहीं हुई, जितनी इसकी संभावनाएं थी. इसका मुख्य कारण फलों के आकार गुणवता का कम होना था जो विदेश से आयात किए गए फल की उपेक्षा कम थे.

देशभर के बाज़ारों में कीवी की कर रहे हैं मार्केंटिंग-इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि आज नागालैंड के किसान देश के बड़े शहरों के व्यापारियों के साथ कीवी की मार्केटिंग कर रहे हैं, यह एक सुखद संकेत है. उन्होंने कहा कि विदेशी फल हमारे यहां उत्पादित हों और उनका आयात कम हो यह भी आत्मनिर्भर भारत अभियान की ही दिशा में एक कदम है. कीवी फल के लिए नागालैंड में अलग से कृषक उत्पादक संगठन बनाने पर भी बल दिया.

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कीवी ने बढ़ाई नागालैंड की अर्थव्यवस्था-केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का कहना है कि कीवी जैसे विदेशी फल का उत्पादन करने की दिशा में नागालैंड एवं अन्य उत्तर-पूर्वी राज्य अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. कीवी उत्पादन से यहां के किसानों की आय बढ़ने के साथ ही बागवानी के क्षेत्र में भी विस्तार हुआ है. राज्य की अर्थ व्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं कृषि मंत्रालय को नागालैंड को ‘कीवी स्टेट’ का दर्जा मिले इस दिशा में कार्य करना चाहिए.केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह बात केंद्रीय बागवानी संस्थान, नागालैंड द्वारा आयोजित कीवी के लिए वेल्यू चैन निर्माण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही थी. उनका कहना था कि नागालैंड का यह कदम देश को खुशी देने वाला है. इससे कृषि क्षेत्र में नया आयाम जुड़ा है और इसका लाभ वहां के किसानों को जरूर मिलेगा.

 खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में दिए 10 हज़ार करोड़ रुपये-केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के लिए कृषि शुरू से ही प्राथमिकता का विषय रहा है. किसानों की आय बढ़े, उपज उत्पादन में वृद्धि, फसलों का विविधिकरण, खाद्य प्रसंस्करण और किसान महंगी फसलों की खेती की ओर अग्रसर हो, इस दिशा में पीएम के नेतृत्व में पिछले साढ़े 6 साल से काम किया जा रहा है. वहीं आत्म निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 10 हज़ार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है. अब आवश्यकता इस बात है कि केंद्र, राज्य व संबंधित संस्थाएं मिलकर इन सारी योजनाओं का लाभ किसान तक पहुंचाने के लिए काम करें.

कीवी के सेवन के फायदे- इसके अंदर विटामिन सी, संतरे से 5 गुना ज्यादा होता है.इसके अंदर 20 से भी ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं.कीवी फ्रूट में विटामिंस और पोटेशियम, कॉपर , फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाने के कारण इसको सुपर फ्रूट भी कहा जाता है. लगभग 70 ग्राम फ्रेश कीवी फ्रूट में विटामिन सी 50%, विटामिन के 1%, कैल्शियम 10%, फाइबर आठ प्रतिशत ,विटामिन ई 60%, पोटैशियम 6% पाया जाता है.इस में पाया जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट शरीर को रोगों से बचाने का काम करता है. यह शरीर में शरीर की रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाता है. स्वास्थ के लिए बहुत जरुरी होता है.



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