मैं एआईएफएफ को आगे बढ़ाने में सक्षम हूं : बाईचुंग भूटिया (शुक्रवार साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। महान भारतीय फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया मैदान पर अपनी तेज दौड़ के लिए जाने जाते हैं। उनकी सहज प्रवृत्ति ने उन्हें डेढ़ दशक से अधिक समय तक सबसे सफल भारतीय फॉरवर्ड में से एक बना दिया।
45 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी फुटबॉल प्रशासन में प्रवेश करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने 2 सितंबर को होने वाले अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। स्टार फुटबॉलर एआईएफएफ को आगे बढ़ाने में खुद को सक्षम मानते हैं।
भूटिया ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, मैं एआईएफएफ चलाने के लिए सही व्यक्ति हूं।
साक्षात्कार अंश:
प्रश्न: आपने एआईएफएफ की राजनीति में उतरने का फैसला किया है। आपको किसने नामांकित किया और महासंघ का नेतृत्व करने की अपनी संभावनाओं के बारे में आप कितने आश्वस्त हैं?
उत्तर: मेरा नामांकन आंध्र फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपालकृष्ण कोसाराजू द्वारा प्रस्तावित किया गया था और राजस्थान फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह द्वारा अनुमोदित किया गया था।
मुझे लगता है कि मैं एआईएफएफ चलाने के लिए सही व्यक्ति हूं। महासंघ की स्थिति हम सभी जानते हैं। संस्था को अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) ने निलंबित कर दिया है और हमने अक्टूबर में अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी करने का अधिकार खो दिया है। मुझे यकीन है कि हर कोई स्थिति से अवगत है और जैसा कि मैंने पहले कहा था कि हमें अच्छे सुधार और अच्छे प्रबंधन लाने की जरूरत है।
प्रश्न: क्या आप निराश थे, जब सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को वोटिंग का अधिकार देने के अपने पहले के फैसले को उलट दिया था?
उत्तर: हम बदकिस्मत हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने खिलाड़ियों के वोटिंग अधिकार को ठुकरा दिया। जाहिर है कि हम मामले को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन जहां तक इस चुनाव का सवाल है तो हमें आदेश का पालन करना होगा। उम्मीद है कि भविष्य में नए संविधान के साथ, हम एआईएफएफ का हिस्सा बनने के लिए खिलाड़ियों के अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे और मतदान का अधिकार प्राप्त करेंगे। हम भी आम सभा का हिस्सा बनेंगे। तो, ऐसा कुछ है जो हम करना चाहते हैं।
प्रश्न: क्या आपको लगता है कि यह आपके लिए खेल को वापस देने का एक शानदार अवसर है, जिसने आपको इतना कुछ दिया है? साथ ही, क्या आपको इन चुनावों में किसी राजनीतिक दल का समर्थन मिल रहा है?
उत्तर: मैं यहां भारतीय फुटबॉल की बेहतरी के लिए हूं। मैं प्रशासन का हिस्सा बनना चाहता हूं और भारतीय फुटबॉल के लिए काम करना चाहता हूं। देश में खेल में सुधार की जरूरत है। आज मैं जो कुछ भी बना हूं वो सिर्फ फुटबॉल की वजह से है। इसकी वजह से मैंने पद्मश्री प्राप्त किया है। मैं 16 साल तक भारत के लिए खेला; यह मेरे खेल को वापस देने का क्षण है। इसमें (फीफा) प्रतिबंधों के साथ सुधार की जरूरत है।
प्रश्न: क्या आपको लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश में खेल को बढ़ावा दिया है?
उत्तर: मैं कई परियोजनाओं पर सरकार और खेल मंत्रालय के साथ काम कर रहा हूं। सरकार खिलाड़ियों की मदद कर रही है। हमें एक महान प्रधानमंत्री मिला है, जो खिलाड़ियों के प्रति बहुत संवेदशील रहे हैं। उन्होंने वास्तव में भारत में खेल को विकसित करने में मदद की है। और यही एक कारण है कि मेरे जैसे खिलाड़ी अब न केवल कोच या अधिकारी बनने के लिए, बल्कि खेल प्रशासकों में भी प्रवेश करने के लिए प्रेरित हैं।
भारतीय क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में इतना अच्छा काम कर रहे हैं। वह सिर्फ उदाहरणों में से एक है। दूसरे खिलाड़ी भी ऐसा क्यों नहीं कर पाते? इसलिए, मेरी बात यह है कि एक बार जब मैं महासंघ (एआईएफएफ) में आ जाता हूं तो हम काम कर सकते हैं। मैं पहले से ही सरकार के साथ काम कर रहा हूं और मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ सभी राज्य संघों और सरकार के साथ-साथ खेल की बेहतरी के लिए काम करेगा। हम उस तरह से काम करने और बेहतर काम करने में सक्षम होंगे।
प्रश्न: भारत के पूर्व गोलकीपर और भाजपा नेता कल्याण चौबे भी अध्यक्ष पद के लिए मैदान में हैं और वह इस पद के लिए सबसे आगे चल रहे हैं। इस पर आपके विचार..
उत्तर: मैं कल्याण चौबे को चर्चा के लिए आमंत्रित कर रहा हूं। हम साथ बैठेंगे और भारतीय फुटबॉल पर बहस करेंगे। अगर वह मुझे अपने विचारों से मना लेते हैं, तो मैं उनके साथ काम करने के लिए तैयार हो जाऊंगा। मुझे लगता है कि यह समय है कि आप जानते हैं कि खिलाड़ियों की भी एक बात है और वे अध्यक्ष पद के लिए लड़ सकते हैं, जीत सकते हैं और अच्छा काम कर सकते हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि मैं ऐसा कर सकता हूं।
–आईएएनएस
आरजे/आरआर