स्पिनरों के लिए अनुपयोगी हालात में भी जडेजा से गेंदबाजी कराने को मजबूर हुए कोहली

लॉडर्स(लंदन), 13 अगस्त (आईएएनएस)। अपने पास चार तेज गेंदबाज होने के बावजूद भारतीय कप्तान विराट कोहली को बाएं हाथ के स्पिनर रवींद्र जडेजा को दूसरे दिन आक्रमण में शामिल करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन कोहली ने यह फैसला उस समय लिया जब आसमान में बादल थे और हालात पूरी तरह तेज गेंदबाजों के लायक थे।
इसका कारण पहले टेस्ट में भारत की धीमी ओवर-रेट थी, जिसके कारण उसे ड्रॉ पहले टेस्ट से हासिल चार में से दो अंक काट दिए गए थे।
अब जबकि प्रत्येक टेस्ट मैच आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का एक हिस्सा है, दो साल के चक्र के समापन पर तालिका के शीर्ष पर बने रहना अहम है और ऐसे मे एक-एक अंक मायने रखता है। इसका कारण यह है कि यही अंक जुटाकर केवल दो टीमें ही फाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी।
जिन हालात में कोहली ने जडेजा से गेंदबाजी कराई, उनके जैसा एक धीमा गेंदबाज परिस्थितियों के अनुकूल नहीं था, खासकर जहां पिच पर अभी भी घास की पट्टियां थीं और टूट-फूट के छोटे निशान थे। दूसरे शब्दों में, दोनों सिरों पर तेज गेंदबाजों को लगाने की जरूर थी। लेकिन आईसीसी के नए, ओवर-रेट पर कोई सहिष्णुता के ²ष्टिकोण से निर्णय कोहली के हाथों से लिया गया था।
जडेजा को नर्सरी एंड से लाया गया था, ताकि गेंद को लॉर्डस के ऐतिहासिक साइड-वे रिज पर ढलान से नीचे किया जा सके। दिलचस्प बात यह है कि जैसे ही उन्होंने अपना चार ओवर का स्पैल पूरा किया, और मोहम्मद शमी ने उनकी जगह ली, रॉय बर्न्स पगबाधा करार दिए गए।
–आईएएनएस
जेएनएस