राष्ट्रमंडल खेलों का कांस्य पदक मुझे नए लक्ष्यों के लिए प्रेरित करेगा: सौरव घोषाल



मुम्बई, 2 सितम्बर (आईएएनएस)। हाल में संपन्न हुए बमिर्ंघम राष्ट्रमंडल खेलों में स्क्वैश में कांस्य पदक जीतने वाले सौरव घोषाल ने कहा है कि यह पदक उन्हें नए लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा।

36 वर्षीय पूर्व वल्र्ड नंबर 10 इस सफलता के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में एकल पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष स्क्वैश खिलाड़ी बने।

घोषाल ने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन इंग्लैंड के जेम्स विल्स्ट्रोप को लगातार सेटों में हराकर कांस्य पदक जीता। उन्होंने फिर दीपिका पल्लीकल कार्तिक के साथ मिश्रित युगल में एक और कांस्य पदक जीता। उन्होंने चार वर्ष पहले गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था।

घोषाल के नाम भारतीय स्क्वैश में कई पहली उब्लब्धियां हैं। उन्होंने पल्लीकल के साथ डब्लूएसई विश्व युगल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। वह कई वर्षों से राष्ट्रीय चैंपियन भी रहे है।

2010 से 2018 के बीच एशियाई खेलों में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीत चुके और पीएसए टूर में पांच खिताबों के विजेता घोषाल ने आईएएनएस को विशेष साक्षात्कार में राष्ट्रमंडल खेलों की अपनी कामयाबी और भारतीय स्क्वैश के भविष्य के बारे में बातचीत की।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि बमिर्ंघम में जो कुछ हुआ वो पिछले सप्ताह समाप्त हो चुका है। मैं अब नयी चीजों को करने की तरफ देख रहा हूं। मेरे पास अब नए लक्ष्य हैं जिनके लिए मुझे काम करना है। हालांकि बमिर्ंघम हमेशा मेरे लिए विशेष रहेगा। मैं हमेशा उन पलों को याद रखूंगा और मुझे हमेशा उस पर गर्व रहेगा जो मैंने उन दो सप्ताहों में हासिल किया।

घोषाल ने साथ ही कहा, एक देश और एक स्क्वैश समुदाय के तौर पर हमारे लिये यह महत्वपूर्ण है कि हम इस सफलता पर नयी पीढ़ी का निर्माण करें और आने वाली पीढ़ी को आगे ले जाए।

–आईएएनएस

आरआर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button