गैंगस्टर चौकड़ी की दोस्ती शानदार, विदेशी कहानी में देसी तड़का लगाती फिल्म
यारा फिल्म रिव्यू
यारा मूवी रिव्यू (Yaara Movie Review): विद्युत जामवाल (Vidyut Jammwal), अमित साद (Amit Sadh) समेत चार दोस्तों की कहानी को तिग्मांशू धूलिया (Tigmanshu Dhulia) ने स्क्रीन पर उतारा है. फिल्म में चार गैंगस्टर की दोस्ती तो लोगों को खूब भाने वाली है लेकिन इस फिल्म की कई कमजोर कड़ियां भी है.
प्लॉट की बात करें तो इस फिल्म में की शुरुआत दो लड़कों फागुन (विद्युत जामवाल) और मितवा (अमित साध) की कहानी से होती है, जो बेहद मुश्किल हालातों में एक-दूसरे को मिलते हैं और फिर शुरु होती है इनके गैंगस्टर बनने की कहानी. इस क्राइम के रास्ते पर चलते-चलते उन्हें दो और दोस्त मिल जाते हैं. ये चारों भारत-नेपाल बॉर्डर के आसपास पले हैं और पहले यहां पर क्राइम की घटनाओं को अंजाम देते हैं और फिर देश के कई हिस्सों में अवैध काम करते हैं.
कुछ समय बाद ही आपसी प्रतिद्विंदिता के कारण ‘चौकड़ी गैंग’ की दोस्ती में दरार आती है और ये सभी अपनी ही गलती से पुलिस के हत्थे चढ़ जाते हैं. ये फिल्म यही खत्म नहीं होती बल्कि यहां से शुरु होती है. जेल में सात साल सजा काटने के बाद ये सभी अलग हो चुके होते हैं और 20 सालों बाद रिश्तों में दरार के बावजूद इन्हें किस्मत एक बार फिर मिलाती है.
फिल्म का निर्देशन तिग्मांशू धूलिया ने किया है. ‘यारा’ को देखकर फिल्म इंडस्ट्री में कई सफल फिल्में देने वाले तिग्मांशू धूलिया ने इस फिल्म का बस किसी तरह निपटा दिया है. फिल्म का निर्देशन काफी ठीला है और कहानी भी दर्शकों को स्क्रीन पर चिपकाए नहीं रख पाती. इस फिल्म की एडिटिंग भी प्वाइंट पर नहीं है. एक सीन से दूसरे सीन पर जंप इस तरह होता है कि दर्शक कंफ्यूज रह जाते हैं. लिहाजा देखने वालों की कहानी में दिलचस्पी जाती रहती है. हालांकि, फिल्म की सिनेमैटोग्राफी काफी अच्छी है लेकिन ये फिल्म की निगेटिव बातों को कवर करने के लिए काफी नहीं है. अंकित तिवारी, शान, क्लिंटन सेरेजो का म्यूजिक भी बेहतरीन है.
परफॉर्मेंस लेवल पर विद्युत जामवाल ने इस फिल्म को संभालने में पूरी जान लगा दी है. हवा में उछलने से लेकर दोस्ती और रोमांस से भरे सीन्स में भी वो काफी बेहतरीन नजर आए हैं. हालांकि श्रुति हासन के साथ उनकी कैमिस्ट्री कुछ खास नहीं दिखी. अमित साध जैसे बेहतरीन एक्टर को स्क्रीन पर हुनर दिखने का ज्यादा मौका नहीं मिला. वहीं विजय वर्मा को चौकड़ी की दोस्ती में रिफ्रेशिंग टच देते हैं. उनकी कॉमेडी टाइमिंग, फनी वनलाइनर और दोस्ती के लिए इमोशन्स काफी दिलचस्प हैं. इसके अलावा केनी को दिलफेंक आशिक के तौर पर दिखाया गया, वो छोटे से रोल में भी दर्शकों को इंप्रेस करने का हुनर रखते हैं.
फिल्म की खास बात ये है कि इसमें को कोई स्ट्रॉन्ग निगेटिव कैरेक्टर नहीं है बल्कि इसके लीड एक्टर्स को ही हीरोइज्म के साथ अपने अंदर के विलेन को भी जगाना पड़ता है. फिल्म का निर्देशन ये मुश्किल इमोशन ठीक से दिखा नहीं पाता लेकिन एक्टर्स पूरी कोशिश करते नजर आते हैं.
जी5 पर रिलीज हो चुकी इस फिल्म में इमरजेंसी जैसे 70s के कुछ रियल लाइफ ईवेंट्स को रीक्रिएट करने की कोशिश की गई है. इस फिल्म में रोमांस के साथ-साथ अमीरी-गरीबी वाला एंगल फिजूल में रखा गया दिखता है. इस फिल्म को आप विद्युत जामवाल, अमिता साध की दोस्ती के लिए देख सकते हैं.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |