Google, Apple के विकल्प के रूप में इंडियन ऐप स्टोर लॉन्च करने को लेकर सरकार करेगी विचार
नई दिल्ली: इक्नॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत के डिजिटल सेवा बाजार में अमेरिकी टेक्नोलॉजी दिग्गज Google और Apple के प्रभुत्व के खिलाफ बढ़ते आक्रोश का जवाब देते हुए केंद्र सरकार प्रौद्योगिकी उद्यमियों के अनुरोध के बाद एक इंडियन डिजिटल एप्लीकेशन स्टोर शुरू करने पर विचार करेगी। रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि भारत में पहले से ही गवर्नेंस सेंट्रिक ऐप के लिए एक ऐप स्टोर है जिसे शुरूआत में आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा Google Play जैसी लोकप्रिय पेशकशों के साथ वैकल्पिक ऐप स्टोर को लाने के लिए हैंडसेट निर्माताओं की आवश्यकता वाली नीतियों को भी पेश करने की जरुरत है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इससे पहले इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा था कि वह भारतीय ऐप डेवलपर्स से महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त करके खुश हैं कि कैसे इकोसिस्टम को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर कहा था कि #AatmanirbharBharat ऐप इकोसिस्टम बनाने के लिए भारतीय ऐप डेवलपर्स को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है।
अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार अपने स्वयं के ऐप स्टोर लॉन्च करने के विचार से पीछे नहीं है। उन्होनें कहा कि एक ऐप स्टोर का निर्माण एक शॉपिंग मॉल के निर्माण की तरह है और सरकार बहुत अच्छी तरह से इसकी सुविधा दे सकती है। अधिकारियों में से एक ने स्वीकार किया कि स्वदेशी ऐप स्टोर के लिए Google और ऐप्पल के प्रभुत्व को टक्कर देने के लिए हमें इसे उतना ही अच्छा और मजबूत बनाना होगा।
इक्नॉमिक टाइम्स ने गुरुवार को बताया था कि भारतीय डिजिटल ऐप इकोसिस्टम बनाने के लिए सरकार की मदद के लिए याचिका दायर करने के लिए कई प्रौद्योगिकी उद्यमी हाथ मिला रहे हैं। सोमवार को Google की घोषणा से यह मांग उठी है कि यह इन-ऐप खरीदारी पर 30% कमीशन लागू करेगा।
इक्नॉमिक टाइम्स ने गुरुवार को बताया था कि भारतीय डिजिटल ऐप इकोसिस्टम बनाने के लिए कई प्रौद्योगिकी उद्यमी सरकार की मदद के लिए याचिका दायर करने के लिए हाथ मिला रहे हैं। एक अमेरिकी प्रौद्योगिकी उद्यमी विवेक वाधवा ने इसपर बात करते हुए कहा कि वैश्विक विशेषज्ञों को मानना है कि भारत इस पोजिशन में है कि वह अपने डिजिटल ऐप इकोसिस्टम से ग्लोबल टेक्नोलॉजी दिग्गजों के प्रभुत्व को तोड़ सकता है। (डिजिटल) इंडस्ट्री को इसमें सरकार की मदद की ज़रूरत नहीं है, वे (डेवलपर्स और उद्यमी) प्लेटफ़ॉर्म चलाने के लिए न्यूनतम 2% चार्ज रख सकते हैं। किसी को भी Apple और Google को 30% का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। ()